खबर दिनेश प्रसाद मिश्रा
शाहाबाद हरदोई सीतापुर में शनिवार को पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी हत्याकांड में पुलिस जांच कर रही है। इस दौरान कुछ ऐसे सुराग मिले हैं जिससे हत्याकांड के तार लखीमपुर खीरी से भी जुड़ रहे हैं। खुलासे के लिए 12 पुलिस टीमें कर रही काम
सीतापुर में शनिवार को हुए पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी हत्याकांड में लेखपालों की भूमिका भी शक के दायरे में है। पुलिस की लापरवाही पर एसएचओ सहित चौकी इंचार्ज को पहले ही लाइन हाजिर किया जा चुका है। वहीं, हत्याकांड के बाद खुलासे में लगी पुलिस टीमों को अहम सुराग मिले हैं। इसमें 12 पुलिस टीमों ने करीब 30 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की है। इनमें क्राइम ब्रांच व एसटीएफ लगातार संदिग्धों की पहचान करने के साथ पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार महोली तहसील के छह लेखपालों से पिछले 30 घंटों से कड़ी पूछताछ की जा रही है। वहीं, खीरी जनपद के एक शख्स संग करीब 20 अन्य युवक पुलिस की हिरासत में हैं। पुलिस इनसे अब तक मिले साक्ष्यों के आधार पर गहनता से पूछताछ कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस खुलासे के बेहद करीब है। एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि राघवेंद्र की कॉल डिटेल व फोन से अहम साक्ष्य मिले हैं। हर पहलू की छानबीन की जा रही है। प्रयास यही है कि जल्द पूरी घटना का अनावरण कर दिया जाए।
सूत्रों के अनुसार राघवेंद्र वाजपेयी को महोली तहसील में तैनात लेखपाल कुछ गोपनीय सूचनाएं देते थे। इसमें धान खरीद में गड़बड़ियों की जानकारी व उससे जुड़े दस्तावेज भी शामिल रहते थे। राघवेंद्र इस इनपुट के आधार पर खबरें भी प्रकाशित कर रहे थे। इस दिशा में पुलिस की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। अब तक धान खरीद सिंडीकेट से जुड़े पांच ठेकेदारों, छह लेखपालों व कुछ राजस्वकर्मियों से गहनता से पूछताछ की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि एक लेखपाल ने राघवेंद्र बाजपेयी को करीब 20 मामलों में गड़बड़ियों के बारे में बताया था। इससे जुड़े लोगों की कुछ अहम जानकारियां भी दी थीं। बता दें कि राघवेंद्र लगातार धान खरीद में गड़बड़ी की खबरें प्रकाशित कर रहे थे। सबसे पहले पुलिस टीमों ने इसी एंगल पर पड़ताल शुरू की थी।
40 दिन में 190 कॉल....खीरी से जुड़े तार
सूत्रों के अनुसार इस पूरे हत्याकांड के तार लखीमपुर खीरी से भी जुड़ रहे हैं। एक ऐसा नंबर सामने आया है, जिस पर राघवेंद्र की जनवरी की शुरुआत से बात होनी शुरू हुई थी। करीब 40 दिनों तक इस नंबर पर उनकी बात हुई है। 40 दिन में करीब 190 कॉल आईं और गई हैं। फरवरी माह के बीच में इस नंबर पर अचानक राघवेंद्र की बात होनी बंद हो गई थी। इस वजह से पुलिस का इस नंबर पर शक गहराता चला गया। बता दें कि यह शख्स वर्तमान में लखीमपुर खीरी में रह रहा है। वर्ष 2012 से पूर्व यह महोली में ही रहता था। वहां एक निजी संस्थान में इस शख्स व राघवेंद्र की एक मुलाकात भी हो चुकी है। ऐसा बताया जा रहा है कि फरवरी माह में भी राघवेंद्र इस शख्स से मिले थे। सूत्रों के अनुसार इनकी इस मुलाकात का एक अन्य शख्स गवाह भी है। यह शख्स पुलिस की हिरासत में है। इससे जुड़े तीन अन्य युवक भी पुलिस की हिरासत में हैं।
एक दाखिल खारिज के निरस्त होने से भी परेशान थे विरोधी
राघवेंद्र वाजपेयी ने एक अनुसूचित जाति के शख्स से हुई जमीन की खरीद फरोख्त के मामले पर भी खबर प्रकाशित की थी। इस खबर के कारण एक दाखिल खारिज निरस्त हो गया था। इस वजह से राघवेंद्र की दुश्मनी एक प्रापर्टी डीलर से बढ़ गई थी। बता दें कि इस जमीन की जानकारी एक लेखपाल ने उनको दी थी। यह लेखपाल महोली तहसील में अच्छा दखल रखता है। राघवेंद्र ने अक्सर इस लेखपाल से प्रापर्टी डीलर से बढ़ती दुश्मनी का जिक्र भी किया था। इस डील से जुड़े राज भी राघवेंद्र के फोन से मिले हैं।
तो गोली चलाने से पहले नहीं कांपे बदमाश के हाथ
सूत्रों के अनुसार हेमपुर ओवरब्रिज पर राघवेंद्र के चार गोलियां मारी गईं। सभी 315 बोर की गोलियां थीं, जिन्हें देशी तमंचे से चलाया गया था। ऐसा लग रहा है कि जिसने भी गोलियां चलाईं, वह बेहद आक्रोशित था। गोलियां चलाते समय आरोपी के हाथ भी नहीं कांपे। ऐसा लग रहा है कि गोली चलाने वाले शख्स को बंदूक इस्तेमाल करना अच्छे ढंग से आता था। बता दें कि इस मामले में एक रिटायर्ड फौजी भी संदेह के घेरे में है। हालांकि अब तक उसके शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई है।
सीसीटीवी फुटेज में दिखी बाइक की छानबीन जारी
राघवेंद्र वाजपेयी शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे अपने घर से निकले। एक सीसीटीवी फुटेज में एक बाइक व एक थार उनके पीछे जाते नजर आई। सूत्रों के अनुसार थार तो सामान्य गति से आगे भी नजर आई है। वहीं, बाइक घटनास्थल के आगे किसी सीसीटीवी फुटेज में नहीं दिखी है। बाइक की छानबीन जारी है।
खीरी तक गए आईजी रेंज, एसटीएफ ने खंगाला डेटा
डीजीपी के निर्देश पर आईजी रेंज प्रशांत कुमार द्वितीय इस पूरे मामले का पर्यवेक्षण कर रहे हैं। सोमवार दोपहर व क्राइम टीम, एसटीएफ व अन्य अधिकारियों के साथ लखीमपुर खीरी तक गए। बता दें कि खीरी से चार लोग पुलिस हिरासत में हैं। वहीं, एसटीएफ की टीम भी सक्रिय है। एसटीएफ ने कुछ डेटा खंगाला है। एसटीएफ की टीम लगातार काम कर रही है।
एक निजी कंपनी के डाटाबेस का इंतजार
पुलिस लगातार डंप डाटा, कॉल रिकॉर्डिंग, सर्विलांस आदि की सहायता से खुलासे की ओर बढ़ रही है। एक निजी कंपनी के डाटाबेस का इंतजार है। जल्द इस डाटाबेस के आते ही कुछ अन्य सुराग मिलेंगे।
गत्ता फैक्टरी तक भी पहुंची पुलिस
पुलिस पूछताछ में एक गत्ता फैक्टरी का भी नाम सामने आया है। बताया जा रहा है कि इस फैक्टरी से जुड़े कुछ कर्मचारियों से भी पूछताछ हुई है। हालांकि इस फैक्टरी का इस हत्याकांड से सीधा कोई लिंक नहीं मिला है। पुलिस ने बस इस दिशा में छानबीन की है।
महोली एसएचओ संग चौकी इंचार्ज किए गए थे लाइन हाजिर
एसपी सीतापुर चक्रेश मिश्र ने सोमवार देर रात महोली एसएचओ विनोद मिश्रा को लाइन हाजिर कर दिया था। वहीं, कस्बा चौकी सतीश चंद्र, आरक्षी राजकुमार व नरेंद्र मोहन को भी लाइन हाजिर कर दिया। एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि इन सभी पुलिसकर्मियों को राघवेंद्र वाजपेयी हत्याकांड में लापरवाही बरतने पर लाइन हाजिर किया गया है
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