भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के लिए पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया

खबर दिनेश प्रसाद मिश्रा
हरदोई उप जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका सिंह ने बताया है कि भारत के चुनाव आयोग सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनैतिक दलों से 30 अप्रैल, 2025 तक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी अथवा मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर किसी भी अनसुलझे मुद्दे के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं। राजनैतिक दलों को जारी एक व्यक्तिगत पत्र में आयोग ने स्थापित कानून के अनुसार चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर पार्टी अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बातचीत की परिकल्पना की है। इससे पहले पिछले सप्ताह ई एस आई सम्मेलन के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों के निर्वाचन मुख्य अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को राजनैतिक दलों के साथ नियमित बातचीत करने, ऐसी बैठकों में प्राप्त किसी भी सुझाव को पहले से मौजूद कानूनी ढांचे के भीतर सख्ती से हल करने और 31 मार्च, तक आयोग को कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। आयोग ने राजनैतिक दलो से विकेन्द्रीकृत जुड़ाव के इस तन्त्र का सक्रिय रूप से उपयोग करने का आग्रह किया।
संविधान और वैधानिक ढांचे के अनुसार चुनाव प्रक्रिया के सभी पहलुओं को कवर करने वाले आयोग द्वारा पहचाने गए 28 हिट धारकों में राजनैतिक दल भी एक प्रमुख हित धारक है। राजनैतिक दलों को लिखे अपने पत्र में आयोग ने यह भी उल्लेख किया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951 मतदाताओं का पंजीकरण नियम 1960 चुनाव संचालन नियम 1961 सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और भारत के चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देश मैन्युअल और हैंडबुक ( ई सी आई )वेबसाइट पर उपलब्ध स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक विकेन्द्रीकृत मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित किया है।

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