जन्म प्रमाण पत्र के नाम पर सर्रोई पीएचसी में अवैध वसूली, अधिकारी चुप
सर्रोई (मिर्जापुर)। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) सर्रोई पर जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर खुलेआम अवैध वसूली की जा रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिना सुविधा शुल्क दिए नवजात शिशुओं का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनाया जाता। यह शुल्क ₹100 से ₹500 तक लिया जाता है।
पीड़ितों का कहना है कि बच्चे के जन्म के तुरंत बाद फॉर्म भरवाया जाता है और साथ ही डिस्चार्ज स्लिप व माता-पिता का आधार कार्ड जमा करवाया जाता है। इसके बाद सुविधा शुल्क की मांग की जाती है। जो अभिभावक पैसा नहीं देते, उन्हें कहा जाता है कि प्रमाण पत्र 21 दिन बाद मिलेगा। लेकिन जब वे 21 दिन बाद आते हैं तो संबंधित कर्मचारी शुभम कार्यालय में मौजूद नहीं होते और बार-बार चक्कर कटवाए जाते हैं।
पीड़ितों का कहना है कि कई मामलों में 2-3 महीने तक प्रमाण पत्र नहीं बनता और अंत में यह कहकर टाल दिया जाता है कि अब प्रमाण पत्र एक साल बाद बनेगा, जिसके लिए शपथ पत्र व एसडीएम का आदेश लाना होगा। वहीं जिन लोगों ने ₹100 से ₹500 तक दिए, उन्हें 3-4 दिन में प्रमाण पत्र मिल गया।
ग्राम टिकरी के एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने ₹200 तुरंत दिया और शेष पैसे प्रमाण पत्र मिलने पर देने की बात तय हुई, तब जाकर काम हुआ।
इस विषय में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रत्नाकर मिश्रा ने स्वीकार किया कि शुभम के खिलाफ पूर्व में भी शिकायतें आ चुकी हैं और उन्हें कई बार चेतावनी दी गई है। उन्होंने बताया कि पीड़ित मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्रार्थना पत्र दें तो कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी मिर्जापुर डॉक्टर सीएल वर्मा ने भी पीड़ितों को आश्वस्त किया है कि यदि लिखित शिकायत दी जाती है तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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