बीडीओ की मजिस्ट्रेट लिखी गाड़ी का भौकाल बना प्रधानों की मायूसी का कारण, 3 माह से नही हुआ मनरेगा के भुगतान, मजदूरों के आगे खड़ा हुआ रोटी का संकट, हरदोई शाहाबाद बीडीओ का भौकाल इतना टाइट है कि ग्राम प्रधान ब्लॉक आने से भी कतराने लगे हैं। मजिस्ट्रेट लिखी गाड़ी से चलने वाले बीडीओ के सामने ग्राम प्रधान जाने से भी कतराने लगे हैं।बीडीओ की कार्यशैली को देखते हुये कई प्रधान ब्लाक में घुसने से डर रहे हैं। बतातें चलें कि जब से शाहाबाद ब्लॉक में गौरव पुरोहित ने बीडीओ की कुर्सी संभाली है तब से मनरेगा भुगतान की स्थिति शून्य हो गई है। ग्राम प्रधानों ने दबी जुबान से बताया कि उन्हें ब्लॉक में न आने का फरमान सुनाया गया है।वहीं बीडीओ ने साफ साफ कहा है कि ग्राम पंचायत में सचिव ही सारे कार्य कराएगा तथा सचिब ही भुगतान कराएगा। जिससे ग्राम प्रधानों में भारी आक्रोश उत्पन्न हो गया है। प्रधानों का कहना है कि जब अध्यक्ष होने के बावजूद कोई अधिकार नहीं होगा तो ऐसी स्थिति में वह लोग किंकर्तव्यविमूढ़ होकर रह गये हैं।ब्लाक में इस समय ऐसी स्थिति बनी हुई है कि यहां पर पूरे सप्ताह सन्नाटा ही पसरा रहता है।बीडीओ की कार्यशैली के कारण जहां प्रधान त्राहि त्राहि कर रहे हैं।वहीं ग्राम विकास अधिकारियों के आगे काम व भुगतान न होने से असमंजसपैदा हो गया है।जिससे गांवों का विकास पूरी तरह प्रभावित हो रहा है।बीडीओ की मनमानी का शिकार हुये ग्राम प्रधान ब्लाक आने से मुंह फेरने को विवश हैं।वहीं ग्राम विकास अधिकारियों को कार्य कराने हेतु ग्राम वासियों का कोई सहयोग नही मिल रहा है।ग्राम प्रधानों ने बताया कि 17 नबम्बर के बाद अभी तक मनरेगा कार्यों का भुगतान न होने से प्रधानों सहित मनररेगा मजदूरों के आगे आर्थिक संकट के साथ साथ वित्तीय संकट खड़ा हो गया है।यहां तक कि मजदूरों के आगे रोटी का भी संकट पैदा हो गया है।यह सब देखते हुये बीडीओ अपनी गाड़ी में मजिस्ट्रेट लिखाकर भौकाल टाईट रखते हैं।बहुत से कमजोर प्रधान बीडीओ के सम्मुख खड़े होने से भी कतराते रहते हैं।जिसका सीधा असर गाँव में विकास कार्यों पर पड़ रहा है।
3 माह से नही हुआ मनरेगा के भुगतान, मजदूरों के आगे खड़ा हुआ रोटी का संकट
खबर दिनेश प्रसाद मिश्रा
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