खनन माफियाओं का अभयारण्य बना नसीराबाद क्षेत्र

खनन माफियाओं का अभयारण्य बना नसीराबाद क्षेत्र
कामता नाथ सिंह 
नसीराबाद, रायबरेली। केवल स्थानीय खनन कारोबारियों के लिए ही नहीं बल्कि पड़ोसी जनपदों के खनन माफियाओं के लिए भी नसीराबाद थाना क्षेत्र अभयारण्य बना हुआ है। दिन हो या रात, इन्हें शासन प्रशासन का डर नहीं महसूस होता। धड़ाधड़ जेसीबी मशीनें चलती रहती हैं, ट्रैक्टर ट्रालियों से ढुलाई करके 450-500 रूपये प्रति ट्राली की दर से मिट्टी बेची जाती है और शिकायतों का कोई असर नहीं पड़ता। सेटिंग गेटिंग के जरिए यह धंधा जोरों पर है और इस पर कोई रोक लगती दिखाई नहीं पड़ती। अगर स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से यह अवैध कार्य नहीं हो रहा है तो शिकायतों के बाद भी कठोर कार्यवाही क्यों नहीं होती।
हालाकि पदभार ग्रहण करने के बाद वर्तमान उपजिलाधिकारी ने सीओ सलोन के साथ संयुक्त छापेमारी करके जेसीबी मशीनें सीज कर दी थीं।पर कुछ समय तक ही इस धंधे पर विराम लग सका था।लगभग दो सप्ताह से नसीराबाद थाना क्षेत्र में फिर अंधाधुंध मिट्टी का अवैध खनन और बिक्री का काम जोरों से चल पड़ा है। सोमवार की शाम 6:00 बजे से ही पूरे कुर्मिन मजरे बिरनावा में गैर जनपद से आई जेसीबी मशीन से खुदाई शुरू हुई और मंगलवार की सुबह 8:00 बजे तक जारी रही। वहीं ग्राम पंचायत कुढ़ा में भी अवैध खनन रुक रुक कर सारी रात चलता रहा।
 उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी अवैध कारोबार का न रुकना स्थानीय प्रशासन की मिली भगत की ओर इशारा करता है।
 उप जिलाधिकारी सलोन और जनपद स्तरीय कंट्रोल रूम पर की गई शिकायतों का भी कोई असर नहीं दिखाई पड़ा जबकि इससे पहले उप जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन ने मिलकर कई खनन कारोबारियों पर शिकंजा कसा था और उनकी मशीन और ट्रैक्टर ट्रालियां सीज की थी।
देखना है कि तहसील प्रशासन आगे क्या कार्यवाही करता है क्योंकि स्थानीय पुलिस को तो जब तक उच्च अधिकारी निर्देशित नहीं करते तब तक किसी अवैध खनन की सूचना ही नहीं मिलती। हालाकि पुलिस रात गश्त का दावा भी बड़े जोर शोर से करती है।

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