गांव निवासी पूर्व प्रधान से दो बेटियों के अलावा चार वर्षीय बेटा गिल्ली था। करीब छह माह पहले सोते समय गिर जाने से उसके गले की हंसली टूट गई थी जो इलाज के बाद लगभग ठीक हो चुकी थी। उसे पौष्टिक आहार के रूप में काजू, बादाम आदि पीसकर दूध के साथ दिया जाता था। वह वैसे भी एक दो काजू खा लेता था। रविवार को भी गिल्ली काजू खाने लगा तो एक काजू उसके गले में फंस गया। पूर्व प्रधान मनोज कुमार ने बताया कि उसकी बेचैनी देख परिजनों ने गले में फंसा काजू बाहर निकलने के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन काजू बाहर नहीं निकला। परिजन उसे आसपास के प्राइवेट डॉक्टरों के पास ले गए। जहां डॉक्टरों ने जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। जिला चिकित्सालय ले जाने के बाद डॉक्टरों ने मासूम को मृत घोषित कर दिया
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