पं.कमलपाति त्रिपाठी जिला अस्पताल के मानसिक रोग ओपीडी में रोज मानसिक समस्याओं से परेशान 150 से ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। दो महीने पहले ओपीडी में करीब 100 मनोरोगी आते थे। इनमें पुरुषों की संख्या ज्यादा है।
विशेषज्ञाें का कहना है कि गर्मी की वजह से मनोरोगियों की संख्या बढ़ी है। लापरवाही की वजह से लोगों में यह अवसाद और चिड़चिड़ेपन की समस्या बढ़ जाती है। ओपीडी में रोज मनोरोग से ग्रस्त 70 पुरुष, 50 महिलाएं और 30 बच्चे पहुंच रहे हैं। पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय के मनोचिकित्सक डॉ. नितेश कुमार सिंह ने बताया गर्मी के मौसम में मनोरोगी चिड़चिड़ापन और अवसाद से ग्रस्त हो जाते हैं।
बात-बात पर गुस्सा हो जाते हैं और मारपीट भी कर लेते हैं। तीमारदारों को उन्हें गर्मी के मौसम में ज्यादा बाहर नहीं निकलने देना चाहिए। अधिक से अधिक पानी, छाछ, नींबू पानी देना चाहिए। तले-भूने व्यंजन से परहेज करना चाहिए। उनके खानपान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। परेशानी होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। क्लीनिक साइकोलॉजिस्ट डॉ. अजय कुमार ने बताया कि घबराहट, बेचैनी, नींद न आना और गुस्सा होना मनोरोग के लक्षण हैं। गर्मी में तीमारदारों को सावधानी बरतनी चाहिए। मनोरोगी की परेशानियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। उन पर लगातार ध्यान भी देना चाहिए। अवसाद में वे गलत कदम भी उठा लेते हैं।
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